• बांग्लादेश में रेप के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई, बीएनपी ने साधा यूनुस सरकार पर निशाना

    बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने देश में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्र कार्यकर्ताओं पर हाल ही में हुए हमलों के लिए मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार की आलोचना की। प्रदर्शनकारी गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी को हटाने की भी मांग कर रहे हैं

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    ढाका। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने देश में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्र कार्यकर्ताओं पर हाल ही में हुए हमलों के लिए मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार की आलोचना की। प्रदर्शनकारी गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी को हटाने की भी मांग कर रहे हैं।

    प्रमुख बांग्लादेशी समाचार पत्र 'द डेली स्टा'र की रिपोर्ट के अनुसार, बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने हालात को गंभीर बताया। उन्होंने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रहने के लिए अंतरिम सरकार पर निशाना साधा साथ ही प्रदर्शन कर रहे 12 छात्र नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने की आलोचना की।

    बीएनपी नेता ने कहा, "बलात्कार और उत्पीड़न के खिलाफ जागरूकता फैलाने वालों की मदद करने के बजाय उन्हें परेशान करना गलत है।"

    हाल ही में विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने 'बलात्कार और हिंसा के खिलाफ बांग्लादेश' नामक एक मंच बनाया है। देश भर में महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म और हिंसा को लेकर उठ रही चिंताओं और विरोधों के बीच यह कदम उठाया गया। पिछले सप्ताह उन्होंने महिलाओं और बच्चों के साथ बलात्कार के विरोध में और बलात्कारियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग करते हुए मुख्य सलाहकार यूनुस के घर की ओर मार्च निकाला था।

    पुलिस ने मार्च को रोक दिया, जिसके बाद झड़प शुरू हो गई। बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक 'प्रोथोम अलो' की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने विरोध मार्च में शामिल छात्र संगठनों के कुछ नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए।

    बाद में ढाका में एक मीडिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए छात्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामलों को झूठा और निराधार बताया।

    बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, एक छात्र प्रतिनिधि ने कहा, "हत्या, डकैती, चोरी और महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। बलात्कार और दुर्व्यवहार अब रोज की बातें बन गई हैं। देश भर में महिलाओं को सड़कों और इंटरनेट पर लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, जिससे माहौल असहनीय और असुरक्षित हो गया है।"

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